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कविता

कोकइन : दूसरा हिस्सा

जीत नाराइन


निगलने वाले के पेट में
फट गई थैली
लेकिन उसकी पीडा़
नहीं रोकती दूसरे को इस काम से

विलासी जिंदगी की आस में
लोग दुर्भाग्‍यशाली मानते हैं - जो भरा है लीलने से
और अपने छोटे हाथ से सकेलते हैं - थोडा़-सा

धन्‍यवाद देते हैं
अपने ईश्‍वर को
जो दिखाई देते हैं
लेकिन नजदीक नहीं हो सकते हैं उनके

 


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